शर्मनाक: ब्रिटेन में कोरोना फाइटर सिख डॉक्टरों पर शेव का दबाव, छीनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां

शर्मनाक: ब्रिटेन में कोरोना फाइटर सिख डॉक्टरों पर शेव का दबाव, छीनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां
 
लंदन,06 मई । ब्रिटेन में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ रहे सिख डॉक्टरों से उनकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां छीन ली गई हैं। उनको सुरक्षा मानकों का हवाला देते हुए शेव करने को कहा गया। ब्रिटिश सरकार ने इस आदेश से सिख डाक्टरों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई और जब उन्होंने निर्देश को नहीं माना तो उनको महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से हटा दिया गया। 


सिख डॉक्टर्स एसोसिएशन से मिली जानकारी के अनुसार एनएचएस के अस्पतालों में शेव करने से इनकार करने पर कम से कम 5 डॉक्टरों को सामान्य शिफ्ट रोटा से हटा दिया गया ।


उन्हें बताया गया कि वे फेसियल प्रोटेक्टिव गियर के तथाककथित फिट टेस्ट में फेल हो गए हैं।


एसोसिएशन के चेयरपर्सन डॉ. सुखदेव सिंह ने कहा, 'ये डॉक्टर्स अपनी परेशानियों के साथ हमारे पास आए और बताया कि उनके रोज के काम से उन्हें हटाया जा रहा है, जिससे सहकर्मियों के बीच तनाव पैदा हो गया है क्योंकि उन्हें अब हटाए गए डॉक्टरों का काम करना होगा।' 


उन्होंने आगे बताया कि यह समस्या स्पेशलिस्ट फेसियल प्रोटेक्शन मास्क यानी पीएपीआर की कमी के कारण हो रहा है, जिसकी जरूरत आईसीयू में पड़ती है। ये सभी सिख डॉक्टर पीएपीआर खरीद कर अपना काम चला रहे हैं जो कि अपेक्षाकृत काफी महंगा है।


वहीं, सिख एसोसिएशन एनएचएस ट्रस्ट के साथ मिलकर काम कर रहा है और एनएचएस इंग्लैंड से भी संपर्क किया गया है ताकि स्पेशलिस्ट प्रोटेक्टिव गियर की खरीद को लेकर जागरूकता पैदा की जा सके। डा. सुखदेव ने बताया कि सामान्य क्लॉथ एफएफपी3 मास्क दाढ़ी के साथ काम नहीं करेंगे, यह मुस्लिम समुदाय को भी प्रभावित करेगा। डा. सुखदेव ने कहा कि किट खरीदने का काम आंख मूंदकर नहीं होना चाहिए।


उन्होंने कहा कि हर डॉक्टर से बात होनी चाहिए और सर्वे के आधार पर उनकी राय को डिसिजन मेकिंग बॉडी तक पहुंचाना चाहिए ताकि कोरोना के संकट में सही तरीके के पीपीई उपलब्ध हों। 


सिख काउंसिल यूके एनएचएस इंग्लैंड के अलावा सिख एसोसिएशन से इस मुद्दे पर संपर्क किया है। इसने एनएचएस इंग्लैंड के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर सर साइमन स्टीवन्स को इस मुद्दे पर चिट्ठी लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। उनसे मांग की गई है कि फिट टेस्ट के मसले पर ध्यान दें और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखा जाएगा।