जनसंघ का चुनाव चिन्ह 'दीपक' था। उसने आरएसएस की राजनीति का दिया जलाया। फिर 5 अप्रैल 1980 को जनसंघ का नया नामकरण भारतीय जनता पार्टी किया गया और अगले दिन अर्थात 6 अप्रैल 1980 को नयी पार्टी भाजपा का ऐलान किया गया। आरएसएस मानता है कि जनसंघ के 'दीपक' से ही भाजपा का 'कमल' खिला है।

क्रोनोलॉजी समझिए-
जनसंघ का चुनाव चिन्ह 'दीपक' था। उसने आरएसएस की राजनीति का दिया जलाया। फिर 5 अप्रैल 1980 को जनसंघ का नया नामकरण भारतीय जनता पार्टी किया गया और अगले दिन अर्थात 6 अप्रैल 1980 को नयी पार्टी भाजपा का ऐलान किया गया। आरएसएस मानता है कि जनसंघ के 'दीपक' से ही भाजपा का 'कमल' खिला है।
 इस साल 6 अप्रैल को भाजपा की स्थापना का चालीसवाँ स्थापना दिवस पड़ रहा है। इसलिए भाजपा के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर वह 5अप्रैल को देशभर के लोगों से 'दीपक' जलवा रही ताकि जनसंघ की स्मृतियों और भाजपा के उदय के जश्न को ऐतिहासिक बनाया जा सके।
कोरोना तो एक बहाना है, भला कोरोना का दीपक, मोमबत्ती और टार्च से क्या लेना देना? कोरोना से निपटने के लिये चिकित्सा उपकरणों और सुविधाओं की जरूरत है कि दीपक, मोमबत्ती या टार्च की ?
इस चक्कर में पड़ने से अच्छा है आपस में दूरी बनाकर रहिये और भुखमरी के शिकार गरीबों मजलूमों की मदद कीजिए।


मोमबत्ती या दीपक जलाने से अच्छा
किसी गरीब का चूल्हा जलवाया जाए


Popular posts
राजस्थान के जयपुर में 28 फरवरी, सन् 1928 को दीनाभाना जी का जन्म हुआ था। बहुत ही कम लोग जानते हैं कि वाल्मीकि जाति (अनुसूचित) से संबंधित इसी व्यक्ति की वजह से बामसेफ और बाद में बहुजन समाज पार्टी का निर्माण हुआ था।
न कलम बिकता है, न कलमकार बिकता है।
लोहिया नगर मेरठ स्थित सत्य साईं कुष्ठ आश्रम पर श्री महेन्द्र भुरंडा जी एवं उनके पुत्र श्री देवेन्द्र भुरंडा जी ने बेसहारा और बीमार कुष्ठ रोगियों के लिए राशन वितरित किया।  
Image
खेत से बाजरा की बाली लेकर लौट रही नाबालिग लड़की के साथ गांव के ही युवक ने की छेड़खानी लड़की के आरोप के मुताबिक लड़की के साथ किया बलात्कार
सास भी कभी बहू थी.....
Image