Coronavirus से लड़ने में ली जा रही चीन की मदद, 40 हजार वेंटिलेटर और छह लाख पीपीई जल्द होंगे उपलब्ध
नोएडा में एक घरेलू कंपनी AgVa हेल्थकेयर को दस हजार वेंटिलेटर बनाने का ऑर्डर
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को भी 30,000 वेंटिलेटर तैयार करने का ऑर्डर
डीआरडीओ, बना रहा है रोजाना लगभग 20,000 N99 मास्क
विस्तार
कोरोनावायरस की लड़ाई में अब चीन से मदद ली जा रही है। वहां से भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी ने 10,000 पीपीई 'पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट' लिए हैं। इन्हें लोगों में वितरित किया जा रहा है। इसके अलावा 4 अप्रैल तक करीब 3 लाख पीपीई, जो कि डोनेशन में मिले हैं, वे भी सरकार तक पहुंच जाएंगे। साथ ही 3 लाख पीपीई तैयार करने का ऑर्डर सामान्य कारखानों को दे दिया गया है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, नोएडा में एक घरेलू कंपनी AgVa हेल्थकेयर को दस हजार वेंटिलेटर बनाने का ऑर्डर दिया गया है। इनकी सप्लाई अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक शुरू होने की उम्मीद है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को भी 30,000 वेंटिलेटर तैयार करने का ऑर्डर दिया गया है। इसके अतिरिक्त भारतीय ऑटो निर्माता कंपनियां भी वेंटिलेटर बनाने की तैयारी कर रही हैं।
अब तक, देशभर के विभिन्न अस्पतालों में 3.34 लाख पीपीई उपलब्ध हैं। भारत सरकार ने लगभग 60,000 पीपीई किट पहले ही खरीदी जा चुकी हैं। वेंटिलेटर की आपूर्ति करने के लिए हैमिल्टन, माइंड्रे और ड्रेगर जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को भी ऑर्डर दिया गया है। विदेश मंत्रालय के जरिए 10,000 वेंटिलेटर खरीदने के लिए चीनी सप्लायर के साथ बातचीत चल रही है।
मंत्रालय के अनुसार, देश में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए व्यापक स्तर पर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। पीपीई, मास्क और वेंटिलेटर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कारखाने चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। चिकित्सा कर्मियों के लिए भी व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण बनाने की भरसक कोशिश की जा रही है।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड वेंटिलेटर का निर्माण करने जा रहा है। सभी दवा कंपनियों ने सरकार को आश्वासन दिया है कि इस संकट के दौरान वे दवाओं की कोई कमी नहीं होने देंगी। यहां तक कि ऑटो निर्माता भी वेंटिलेटर विकसित करने और उत्पादन करने के लिए आगे आ रहे हैं। चिकित्सा कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। सरकार किसी भी आपात स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
कपड़ा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय मिलकर इस दिशा में काम कर रहे हैं। अब तक 11 घरेलू निर्माताओं ने गुणवत्ता परीक्षण पास किए हैं। उन्हें 21 लाख पीपीई कवरॉल के ऑर्डर दिए गए हैं। वर्तमान में वे प्रतिदिन 6-7,000 कवरॉल की आपूर्ति कर रहे हैं। यह सप्लाई अगले सप्ताह में प्रतिदिन 15,000 तक पहुंचने की उम्मीद है।
एक अन्य निर्माता को भी 5 लाख कवरॉल बनाने का ऑर्डर दिया गया है। विदेश मंत्रालय के माध्यम से सिंगापुर की एक कंपनी के साथ ऑनलाइन करार हुआ है। यह कंपनी 10 लाख पीपीई किट की आपूर्ति करने में सक्षम है। इन्हें खरीदने के लिए विदेश मंत्रालय के माध्यम से ऑर्डर दे दिया गया है।
कोरिया में स्थित एक और आपूर्तिकर्ता, जिसकी वियतनाम और तुर्की में कई उत्पादन कंपनियों के साथ टाईअप है, और वह 1 लाख से अधिक पीपीई किटों की दैनिक उत्पादन क्षमता के लिए जानी जाती है। इस कंपनी को 20 लाख पीपीई किटों की आपूर्ति के लिए विदेश मंत्रालय के माध्यम ऑर्डर दिया गया है।
N95 मास्क का निर्माण दो घरेलू उत्पादकों की तरफ से किया जा रहा है। वे इस समय प्रतिदिन 50,000 मास्क की आपूर्ति करने में सक्षम हैं, लेकिन अगले सप्ताह के भीतर प्रतिदिन 1 लाख मास्क बनाने की क्षमता बढ़ा रहे हैं। डीआरडीओ, स्थानीय निर्माताओं के साथ मिलकर प्रतिदिन लगभग 20,000 N99 मास्क का उत्पादन कर रहा है।
यह आपूर्ति एक सप्ताह के समय में उपलब्ध होने की उम्मीद है। देश के अस्पतालों में अब तक स्टॉक में 11.95 लाख एन 95 मास्क हैं। पिछले दो दिनों में अतिरिक्त 5 लाख मास्क वितरित किए गए और 1.40 लाख मास्क सोमवार वितरित किए जा रहे हैं। सिंगापुर से मंगाए जा रहे 10 लाख मास्क पीपीई किट का हिस्सा होंगे।
कोविद-19 रोगियों के लिए वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है, क्योंकि वे तीव्र श्वसन रोग सिंड्रोम (एआरडीएस) विकसित करते हैं। इस समय 20 कोविद-19 से कम मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। इसके विपरीत, कोविद-19 रोगियों के उपचार के लिए देशभर के विभिन्न अस्पतालों में 14,000 से अधिक वेंटिलेटर की पहचान की गई है।