महिलाएं अपने खाने पीने पर ध्यान दे तो डायबिटीज से बच सकती है। .....  आज जिस तरह से पुरुष से ज्यादा महिलाएं डायबिटीज का शिकार हो रही है बहुत ही चिन्ता का बिषय है।  क्योकि आने बाले पीढी को बचाने के लिए महिलाओं को डायबिटीज से बचना बहुत जरूरी है।

महिलाएं अपने खाने पीने पर ध्यान दे तो डायबिटीज से बच सकती है। .....  आज जिस तरह से पुरुष से ज्यादा महिलाएं डायबिटीज का शिकार हो रही है बहुत ही चिन्ता का बिषय है।  क्योकि आने बाले पीढी को बचाने के लिए महिलाओं को डायबिटीज से बचना बहुत जरूरी है।  ऐसा प्रायः देखा जाता है कि जब महिलाएं बच्चे को जन्म देने बाली होती है उसी समय सबसे ज्यादा डायबिटीज का शिकार होती है।  क्योंकि जैसे ही परिबार मे पता चलता है कि कोई महिला मां बनने बाली है ऊनहै आराम करने की सलाह दी जाती है।  जबकि मेडिकल मे बिल्कुल यह सलाह नही लिखा गया है।  बच्चे जन्म देने बाली महिला को भरपूर खिलाया जाता है चाहे कोई भी चीज क्यो ना हो केबल यह धारणा कि खाने से बच्चा तंदुरुस्त जन्म लगा।  यह मिथ्या बिलकुल गलत है और यही कारन है जिससे महिलाएं डायबिटीज का शिकार होती है।  अगर कोई भी महिला जो बच्चे को जन्म देने जा रही है ऊनहै सभी तरह का काम करना चाहिए और खाने पीने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए साथ ही अगर हो सके तो ज्यादा से ज्यादा टहलने का प्रयास करे।  अगर आप बच्चे के जन्म के समय डायबिटीज से बचना चाहते है तो आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा।  आज पुरे भारत मे सबसे ज्यादा औरते की मौत बच्चे जन्म के समय डायबिटीज से हो रही है।  हर बच्चे जन्म देने बाली महिला जैसटेसनल डायबिटीज का शिकार हो रही है।  उक्त बातें आसथा फाऊनडेशन द्वारा चलाए जा रहे वाक फार लाईफ डायबिटीज जागरूकता अभियान के दौरान  तीन सौ महिलाओं को जैसटेसनल डायबिटीज के बारे मे जानकारी देते हुए शहर के मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ पद्म श्री डा शांति रॉय ने कही।  डा दिबाकर तैजसबी ने उपस्थित महिलाओं से कहा कि बच्चे जन्म देने के समय माता का बजन नही बढना चाहिए।  अगर आपका बजन जरूरत से ज्यादा बढ रहा है तो आप जैसटेसनल डायबिटीज के शिकार हो सकते है।  जैसटेसनल डायबिटीज आज सबसे खतरनाक तरीके से महिलाओं मे फैल रहा है।  संस्था के सचिव पुरूषोत्तम सिंह ने कहा कि उन्होने कहा कि अगर एक बार महिला जैसटेसनल डायबिटीज का शिकार हो जाती है तो बिना ईनसुलिन के डायबिटीज कंट्रोल नही होता है जिसका प्रभाव जन्म लेने बाले बच्चे पर पडता है।  अतः आसथा फाऊनडेशन का यह प्रयास की महिलाओं को इस बिमारी के प्रति जागरूक किया जाऐ जिससे की बच्चे जन्म देने के समय कोई भी महिला डायबिटीज का शिकार ना हो।  कार्यक्रम मे डा निखिल रंजन के अलावे बहूत सारे महिलाएं उपस्थित थी।


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