कांग्रेस में हाहाकार, मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान…
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में कांग्रेसी के हाथ से सत्ता की चाभी फिसल गई है और राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर भी संकट के बादल नजर आने लगे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पीएम मोदी और अमित शाह से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी को इस्तीफा भेज दिया है। बताया जा रहा है कि राजस्थान में कांग्रेसी विधायक अपनी ही सरकार से नाखुश हैं। सूत्रों के मुताबिक कई विधायक इसलिए असंतुष्ट हैं क्योंकि उनकी बात उनकी ही पार्टी में नहीं सुनी जाती है। ऐसे में कांग्रेस के सामने अपना राजस्थान का किला बचाने की चुनौती होगी।
मध्य प्रदेश में सियासी उथल-पुथल के बीच सोनिया गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिल्ली बुलाया है। कांग्रेस नहीं चाहती है कि इस तरह की स्थिति राजस्थान में भी बने। 200 विधानसभा सीटों वाले राजस्थान में कांग्रेस के पास 100 विधायक हैं। इसके अलावा बीएसपी के 6 और लोकदल के विधायक के कांग्रेस में विलय होने के बाद कांग्रेस के पास 107 विधायक हो गए हैं। 13 में से 12 निर्दलीय विधायक कांग्रेस के साथ और एक बीजेपी के साथ है। बीजेपी के पास अपनी 72 सीटें हैं। ऐसे में अगर निर्दलीय विधायकों के साथ कांग्रेस के भी कुछ विधायक टूट जाएं तो राजस्थान की सरकार पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं।
कई विधायक खोल चुके हैं मोर्चा
गहलोत सरकार के कई मंत्रियों का आरोप है कि उनके मंत्रालय में भी उनके हिसाब से काम नहीं होता है। इसके अलावा 15 महीने की सरकार में पांच विधायक भी नौकरशाही के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं। मंत्री कह चुके हैं कि सरकार में नौकरशाहों की ज्यादा चल रही है और उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के विधायक इस बात की शिकायत कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी कर चुके हैं।
सचिन पायलट ने भी कई बार साधा निशाना
मध्य प्रदेश की सियासी हलचल पर सचिन पायलट ने कहा था कि वह एक स्थिर सरकार चाहते हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं कहा कि सरकार किसकी होगी। पायलट राजस्थान की अपनी ही सरकार पर कई बार निशाना साध चुके हैं। बाड़मेर में दलित युवकों की पिटाई पर भी उन्होंने अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। इके अलावा वह कह चुके हैं कि सत्ता में कार्यकर्ताओं की भागीदारी नहीं है।
बीएसपी विधायक हुए थे कांग्रेस में शामिल, बीजेपी की चुनौती
बीजेपी ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने बीएसपी के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने को चुनौती दी है। बीजेपी इस मुद्दे को यूं ही नहीं छोड़ना चाहती और कोर्ट तक जाने को तैयार है। राजस्थान में भी राज्यसभा के लिए चुनाव होना है और इससे पहले बीजेपी ने गहलोत सरकार के लिए संकट खड़ा कर दिया है। बीजेपी का कहना है कि यह विलय तभी मान्य होना चाहिए जब बीएसपी की मुखिया सहित पूरी पार्टी का विलय कांग्रेस में हो जाए।