प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की सभी योजनाओं मे हुए है घोटाले
वाराणसी 24 फरवरी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मे उभोक्ताओ के हितो को ध्यान मे रखते हुए केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा जिन योजनाओ मे धनराशी आवंटित की गई उन *योजनाओ मे ज्यादातर योजनाएँ भ्रष्टाचार की भेट चढ़ती नजर आ रही है* उदाहरण के तौर पर *सौभाग्य, स्मार्ट मीटर, 33 kv की लाइनो की शिफ्टिंग जैसी योजनाए प्रमुख है* जबकि केन्द्र सरकार और *प्रधानमंत्री* की सबसे बड़ी महत्वाकांक्षी योजना सौभाग्य रही जिसमे पूर्वांचल ही नही प्रदेश स्तर पर बड़े पैमाने के घोटाले किये गये हालात यह है कि जहाँ एक ओर सत्ताधारी दल इस योजना से लोगो को लाभान्वित करने और चुनाव मे इसका लाभ उठाने की सोच रहा था वह उम्मीद से बिल्कुल उल्टा होता दिख रहा है ग्रामीण क्षेत्रों मे उपभोक्ता आधी अधूरी योजना से नाराज है और सरकारी दफ़्तरों के चक्कर लगाने से विद्युत विभाग और सरकार को कोसते नजर रहा है दूसरी ओर बिजली उपभोक्ताओं के ऊपर स्मार्ट मीटर लगाने की योजना जिस योजना को पूर्वांचल एवं प्रदेश के उपभोक्ताओं पर लागू करने का आदेश UPPCL द्वारा किया गया उसी समय से सबसे पहले *प्रगति यात्रा समाचार ने लगातार इसके मानक और गुडवक्ता पर प्रश्नचिन्ह खड़े किये पर UPPCL के अनुभव हीन बड़केबाबूओ ने अपनी मलाई काटने की जुगत मे कोई ध्यान नही दिया* नतीजा डिस्कॉम स्तर पर डरा हुए जिम्मेदार इंजीनियरों जिसके ऊपर सारी गलतीयो का ठीकरा बाद मे फोडा जायेगा किसी तरह से नये नये उपाय कर के नयी व्यवस्था को सभालने मे लगा हुआ है मजे की बात यह है कि *uppcl के स्तर पर बस एक mou पर ही साईन हुए वो भी 2017 मे और 2019 मे जीनस कम्पनी की जमानत राशी को केस्को ने जप्त कर लिया परन्तु रहस्यमयी ताकतो ने कम्पनी के ऊपर और कोई भी कार्रवाई करने से रोक दिया जाता है इस बीच उसी रहस्यमयी ताकत के आदेश पर बिना किसी समझौते या करार पर हस्ताक्षर किये बिना L&T नामक कम्पनी जबरदस्ती मीटर लगवाने का काम शुरू कर देती है जब कि 100 करोड़ से ऊपर के कार्यो के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग से अनुमति लेना आवश्यक होता है परन्तु uppcl मे अवैध रूप से तैनात बडका बाबू जी ने तो सारे नियम कानूनो को खूटी पर टाग दिया था बस शुरू हो गया खेल और फिर अपने ही उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डालने की नीयत से स्मार्ट मीटर नामक ठग मीटर उपभोक्ताओं के घरो दुकानो कलकारखानों मे लगा दिया गया* जिसकी *जाँच रपट आज UPPPL के ईमानदार MD देवराज के टेबल पर पड़ी है और यह जाँच रिपोर्ट उपभोक्ताओं के लिये न्याय की गुहार के लिए विचाराधीन है* वैसे इसकी शिकायत प्रदेश की *उभोक्ता संरक्षण उत्थान समिति नामक संस्था द्वारा एक जनहित याचिका के माध्यम से इलाहाबाद हाईकोर्ट मे भी करी गयी है परन्तु दुर्भाग्य वश वह भी न्याय की प्रतीक्षा मे लटकी हुई है* ।
*वाराणसी मे 33kv की लाइन शिफ्टिंग मे भी घोटाला*
प्रधानमंत्री द्वारा वाराणसी को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा मे चल रही योजनाओं मे सड़को का चौड़ीकरन का कार्य होने के कारण सड़को पर बने 33 kv की लाइनो को किनारे स्पिट करने का कार्य पूर्वांचल विधुत वितरण निगम को सौप गया इसके लिये सरकार द्वारा मोटी धनराशि भी आवंटित की गई *फिर क्या था यहाँ के भ्रष्टाचारियों के लिये तो छीका ही टूट ही पाँचो अँगुल घी मे और सर कढाई में* । मानको और सुरक्षा के लिहज से महत्वपूर्ण सभी नियमों को अन देखा कर के 33 kv की लाइन शिफ्टिंग हो रही है *इसमे लगे 13 मीटर के रेल पोल को उखाड़ कर उनकी जगह नये 11 मीटर के हल्के और खोखले पोल लगा कर 33 kv की लाईन शिफ्टिंग का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है* इसके पूर्व *IPDS* योजना मे समूचे वाराणसी शहर के मजबूत और टिकाऊ रेल पोल के खम्भे शायद कौड़ी के भाव नीलाम हो गये या होने की योजना है यह भी गम्भीर जाँच का विषय है यानी सरकार लाख दावे
पर जीरो टालरेंस के दावे की हवा निकालने मे आज भी *उ प्र मे UPPCL एवं उनके डिस्कॉम टॉप10 मे गिनती करना कोई गलत नहीं होगा* यहाँ पर तो नियमो को ताख पर रख कर खुद सरकार ही गलत नियुक्तियां करती है और फिर अनुभवहीन प्रबंधन भ्रष्टाचारियों की भीड मे अपने अनुभव की कमी के कारण उनकी साजिशो के शिकार हो कर उनके ही सुर मे सुर मिलाने लगते है और फिर हर हर गंगे । खैर