CBI डायरेक्टर अलोक वर्मा राफेल की जाँच करना चाहते थे, उनको आधी रात में बर्खास्त कर दिया ।
जस्टिस लोया सोहराबुद्दीन इन्काउंटर केस की जाँच कर रहे थे, जिसमें अमित शाह का नाम आरहा था, लोया की हत्या करदी गयी ।
और
जस्टिस लोया की हत्या में अमित शाह को क्लीन चिट देने वाले दीपक मिश्रा को CJI का पद मिला ।
*अमित शाह और मोदी को जमानत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज पी सदाशिवम को राज्यपाल पद का तोहफा मिला ।
और
चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज करने वाले जज गौर को पीएमएलए प्रमुख का पद मिला ।
सहारा घोटाले में क्लीन चिट बांटने वाले जज केवी चौधरी को सीवीसी पद का ईनाम मि
और
गुजरात दंगे और पंड्या मामलों में क्लीन चिट देने पर जज वाईसी मोदी को एनआईए प्रमुख बनाया गया ।
न्यायपालिका के भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले जस्टिस कर्णन को पागल बताकर जेल में डाल दिया ।
और कल
दिल्ली दंगों के मामलों में भाजपा नेताओ पर FIR करने का निर्देश देने वाले जज मुरलीधर का रातों रात ट्रांसफर हो गया ।
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न्यायपालिका तवायफ का कोठा नहीं है लेकिन न्यायपालिका की कुर्सी पर बैठे जज वो तवायफ है जो सिक्कों की खनक सुनकर नाच नाचकर अपने घुंघरू तोड़ डालते है । और जो नाचना नहीं चाहता उसे कोठे का मालिक निकालकर बाहर फेंक देता है ।
वैसे एक बात और साबित होती है की लुटेरों के भी अपने उसूल होते है वो हमेशा अपने नापाक कर्ज चुकाते हैं ।