अब दागियों को टिकट देना होगा मुश्किल! SC ने उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक करना अनिवार्य बनाया

अब दागियों को टिकट देना होगा मुश्किल! SC ने उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक करना अनिवार्य बनाया


 


अ राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड छुपा नहीं सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इसे सार्वजनिक करना अनिवार्य कर दिया है. 


को ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियों को यह भी बताना होगा कि उन्होंने बाकी उम्मीदवारों को छोड़कर दागी को ही टिकट क्यों दिया? इस आदेश का पालन न करने को कोर्ट की अवमानना माना जाएगा.


⚖कोर्ट ने 25 सितंबर 2018 को उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड मीडिया और पार्टी के वेबसाइट में प्रकाशित करने का आदेश दिया था, लेकिन इसका सही ढंग से पालन नहीं हुआ. याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल कर बताया था कि राजनीतिक दल और चुनाव आयोग इस आदेश का गंभीरता से पालन नहीं कर रहे हैं.


सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा 
राजनीतिक दलों को किसी उम्मीदवार को टिकट देने के 48 घंटे के भीतर एक क्षेत्रीय अखबार और एक राष्ट्रीय अखबार में उसके ऊपर दर्ज और चल रहे मुकदमों की जानकारी प्रकाशित करनी होगी.


पार्टियों को टीवी चैनल पर यह जानकारी देनी होगी.


 राजनीतिक दल अपने आधिकारिक वेबसाइट और फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर भी इस जानकारी को डालेगा.


इसका पालन करने के 24 घंटे में यानी उम्मीदवार को टिकट देने के 72 घंटे के भीतर पूरी जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी.


राजनीति दल को यह भी बताना पड़ेगा कि जिस उम्मीदवार पर अपराधिक मुकदमे लंबित हैं, उसने उसी को टिकट क्यों दिया?