ठेका लेकर पास कराते थे सीटीईटी परीक्षा,

ठेका लेकर पास कराते थे सीटीईटी परीक्षा,
मुरादाबाद। एक परीक्षार्थी को सीटीईटी की परीक्षा में पास कराने के लिए ढाई लाख का पैकेज तय किया गया था। इनमें से 50 हजार रुपये एडवांस लेकर सौदा पक्का किया जाता था और परीक्षार्थी को पास कराने का ठेका लिया जाता था। दो लाख की रकम परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद परीक्षार्थी को देना होता है। इसका खुलासा सॉल्वर गिरोह सहित दस आरोपियों के पकडे़ जाने के बाद बरेली एसटीएफ के इंस्पेक्टर अजय पाल सिंह ने किया
उन्होंने बताया कि सॉल्वर गिरोह के सदस्यों ने सीटीईटी की परीक्षा के लिए जब फार्म निकला उस वक्त ही परीक्षार्थियों से संपर्क साध लिया। मुख्य आरोपी सचिन के दोस्त नाजिम, दानिश और विपिन का काम ऐसे परीक्षार्थियों की तलाश करना होता है। जिनका काम परीक्षा में फेल होने का डर जिन परीक्षार्थियों को लगता है, उनसे संपर्क करना था। इनकी मदद से ही अलग अलग जगहों के छह परीक्षार्थियों राजकुमार, इंद्रपाल, अनुज, अशोक कुमार, सुभाष व दिनेश का संपर्क सचिन से हुआ।
सचिन परीक्षार्थियों से कहता था कि वह सॉल्वर गिरोह के सदस्य को परीक्षार्थी की जगह परीक्षा देने के लिए भेजेगा। सौदा पक्का होनेे के बाद सॉल्वर गिरोह से संपर्क किया जाता है। इंस्पेक्टर ने बताया कि सचिन कानपुर के एक कोचिंग सेंटर से जुड़ा है। जहां पर बिहार तथा अन्य राज्यों के लड़के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं। सचिन ने साथियों के साथ मिलकर वहां से बिहार के छह सॉल्वर मुरादाबाद बुलाए। परीक्षा देने आए सॉल्वर गिरोह के सदस्योें को 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये देने की बात कही गई थी। उनको ये भी बताया गया था कि जिन संस्थानों में वह परीक्षार्थी के स्थान पर परीक्षा देने के लिए जा रहे हैं, वह उनके जानकारों का है। वहां के स्टाफ से लेकर पुलिस तक को सचिन द्वारा मैनेज किए जाने की बात कही गई थी। 
आधार कार्ड, पैन कार्ड के साथ परीक्षार्थी भी निकले नकली 
एसओजी के सब इंस्पेक्टर अजय पाल ने बताया कि सचिन और उसके साथी नाजिम, दानिश, विपिन फार्म भरने के दौरान ही परीक्षार्थियों से संपर्क करते हैं। उस समय परीक्षार्थियों के धुंधले फोटो फार्म पर लगवाए जाते हैं। परीक्षार्थियों के आधार कार्ड पर अपनी फोटो लगाकर फर्जी आधार कार्ड तैयार, इसी तरह से फर्जी पैन कार्ड तैयार करते थे। परीक्षार्थी के नाम से बनाए गए फर्जी आधार कार्ड, फर्जी पैन कार्ड लेकर सॉल्वर गिरोह के सदस्य परीक्षार्थी बनकर परीक्षा देने के लिए परीक्षा केंद्र में बैठे थे। जिनको एसटीएफ और कटघर, कोतवाली, सिविल लाइन, पाकबड़ा पुलिस द्वारा पकड़ा गया। आरोपियों के खिलाफ अलग अलग थानों में रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। 
पुलिस को चकमा देकर भागा सचिन 
सचिन 2008 में भले ही पुलिस के हाथ लग गया हो लेकिन इस बार वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। एसटीएफ, एसओजी और कोतवाली पुलिस को चकमा देकर वह भाग निकला। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि रात को वह लोग कोतवाली क्षेत्र स्थित एक होटल में दो अलग अलग कमरों में रुके थे। उस वक्त सचिन और वांछित अन्य पांच आरोपी भी वहां पर थे।


Popular posts
AAG विनोद शाही ने CM योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर पद सृजन समेत तमाम मामलों पर किया विचार विमर्श...
Image
राजस्थान के जयपुर में 28 फरवरी, सन् 1928 को दीनाभाना जी का जन्म हुआ था। बहुत ही कम लोग जानते हैं कि वाल्मीकि जाति (अनुसूचित) से संबंधित इसी व्यक्ति की वजह से बामसेफ और बाद में बहुजन समाज पार्टी का निर्माण हुआ था।
लोहिया नगर मेरठ स्थित सत्य साईं कुष्ठ आश्रम पर श्री महेन्द्र भुरंडा जी एवं उनके पुत्र श्री देवेन्द्र भुरंडा जी ने बेसहारा और बीमार कुष्ठ रोगियों के लिए राशन वितरित किया।  
Image
<no title>
Image
NNew positive 7 Total positive 334 Details soon