शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ 'महाविकास आघाड़ी' के घटक दलों में विभागों के बंटवारे को लेकर पेंच फंस गया है।

मुंबई,   शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ 'महाविकास आघाड़ी' के घटक दलों में विभागों के बंटवारे को लेकर पेंच फंस गया है। गृह विभाग मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपने पास रखना चाहते हैं, जबकि राकांपा भी यही विभाग चाहती है। उद्धव का कहना है कि गृह विभाग का प्रभार उनके पास ही रहेगा। इसके साथ ही कांग्रेस राजस्व विभाग सहित कृषि, गृह निर्माण, सामाजिक न्याय व आदिवासी विभाग की मांग कर रही है।  
एक विश्वस्त सूत्र ने बताया कि शपथ ग्रहण से पहले शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के बीच 15:15:12 का फार्मूला तय किया गया था, लेकिन कुछ समय बाद इस फार्मूले में बदलाव कर शिवसेना को मुख्यमंत्री सहित 16 मंत्री पद, राकांपा को उपमुख्यमंत्री एवं विधानसभा उपाध्यक्ष सहित 16 मंत्री पद और कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष सहित 13 मंत्री पद दिया जाना तय किया गया है। शुरुआती दौर में राकांपा ने गृह, वित्त, सिंचाई, ग्रामविकास, लोकनिर्माण, उच्च शिक्षा आदि विभागों पर दावा किया था, लेकिन अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है कि गृह विभाग शिवसेना के पास ही रहेगा। इसी वजह से अब तक विभागों का बंटवारा नहीं हो पा रहा है।
इस बारे में राज्य सरकार के मंत्री एवं शिवसेना विधायक दल नेता एकनाथ शिंदे, मंत्री सुभाष देसाई, राकांपा विधायक दल नेता एवं मंत्री जयंत पाटील और कांग्रेस विधायक दल नेता एवं मंत्री बालासाहेब थोरात के बीच बातचीत हुई, लेकिन बात नहीं बन सकी है। सूत्र ने बताया कि इस विषय पर बहुत जल्द राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कांग्रेस विधायक दल नेता बालासाहेब थोरात की बैठक होने वाली है। इसके बाद ही महाविकास आघाड़ी में विभागों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया जा सकेगा।
उद्धव ठाकरे ने 28 नवम्बर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के दो विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलायी गयी थी। सरकार गठित हुए गुरुवार को आठ दिन हो गये, लेकिन अब तक विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है।