देश से मध्यवर्ग को समाप्त करने का षड्यंत्र है निजीकरण

देश से मध्यवर्ग को समाप्त करने का षड्यंत्र है निजीकरण,


हम सब जानते हैं कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है ,देश की लगभग 70% आबादी कृषि के कार्यों में लगी रही ,जब देश आजाद हुआ और सरकारी नौकरियों का प्रचलन बढ़ा तो इस देश के किसान का बेटा मेहनत कर  सरकारी नौकरियों में प्रवेश किया ,कोई जवान ,कोई डॉक्टर कोई इंजीनियर ,कोई मास्टर कोई चपरासी, कोई क्लर्क यहां तक कि उस वर्ग के लोग पी सी यस और आई ए एस भी बने ।।
       ऐसे में देश में एक मध्य वर्ग का उदय हुआ उस मध्यवर्ग में नौकरियों के कारण उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी होती चली गई उनके बच्चे पढ़ने लगे समाज की स्थिति को समझते हुए उन बच्चों ने  धीरे-धीरे राजनीति में प्रवेश किया और आज देश के विभिन्न राज्यों में बड़े-बड़े राजनीतिज्ञों के रूप में अपना नाम दर्ज किया है,,यह वह  मध्यवर्ग है जिसने समाज में बड़े उद्योगपतियों के सामने एक चुनौती पेश किया अपने हक और मान सम्मान के लिए लड़ना सीखा, अपनी स्थिति को बेहतर करना सीखा और अब यह वर्ग उद्योगपति बनने की दिशा में भी अग्रसर है ।।
     भारत में मध्यवर्ग  समाज की रीढ़ है, छोटी नौकरियों में मध्य वर्ग से लोग ज्यादा आते हैं इस परिवेश में सरकार ने निजीकरण का प्रस्ताव लाकर पुनः मध्यवर्ग को उन्हीं पुरानी गलियों में ढकेलने का काम शुरू कर दिया है आज विभिन्न विभागों में नौकरियां झूठा आरोप लगाकर समाप्त की जा रही है,रेलवे,आयुध,ongc, बीएसएनएल,शिक्षा,स्वास्थ्य,आदि बिभाग इनके उदाहरण है,।।
       आउटसोर्सिंग के पद पर बेरोजगार युवाओं को रखा जा रहा है ,जिनको 5000से 10000 सैलेरी देकर दस- दस घंटे काम लिया जा रहा है ,वह भी सैलरी उनकी महीने पर नहीं मिलती ,और तो और निर्धारित काम के घंटों से भी ज्यादा वर्क लेकर उनका शोषण किया जा रहा है ,उनकी नौकरी ताश के पत्तों की तरह कब ढह जाएगी  कुछ नहीं मालूम ,नौकरी चले जाने के डर से युवा गुलामी करने को भी मजबूर है, सरकारी उपक्रम ठीक ढंग से कम नहीं कर रहे हैं ऐसा कहकर सरकार द्वारा गलत प्रचार प्रसार कर जनता को भरमाया जा रहा है ,ताकि अपनी गलत नीतियों के माध्यम से षडयंत्र कर आसानी से नौकरियां समाप्त की जा सके ।।सरकार अपनी अयोग्यता का ठीकरा सरकारी कर्मचारियों पर मढ़ कर अपने को साफ सुथरा दिखाने का प्रयास कर रही है।।
       जिस दिन सरकारी नौकरियां नहीं रहेंगी मध्यवर्ग अपने आप समाप्त हो जायेगा, देश में उद्योगपति और श्रमिक वर्ग ही रह जाएगा ,ऐसी व्यवस्था की जा रही है हमारे राजनेता ज्यादातर उद्योगपति बन चुके हैं ,इस देश में निजीकरण के कारण श्रमिक और उद्योगपति वर्ग ही रह जायेगा ,निजी करण एक अभिशाप है और यह एक तैयारी भी है कि कैसे उदय हो रहे मजबूत मध्यवर्ग को जड़ से उखाड़ फेंका जाए ,इसलिए साथियों सावधान और सतर्क हो जाइए निजीकरण के खिलाफ आवाज बुलंद करिए चुप बैठने से कुछ नहीं होगा हम तो बस यही कहेंगे कि


 


Popular posts
न कलम बिकता है, न कलमकार बिकता है।
राजस्थान के जयपुर में 28 फरवरी, सन् 1928 को दीनाभाना जी का जन्म हुआ था। बहुत ही कम लोग जानते हैं कि वाल्मीकि जाति (अनुसूचित) से संबंधित इसी व्यक्ति की वजह से बामसेफ और बाद में बहुजन समाज पार्टी का निर्माण हुआ था।
खेत से बाजरा की बाली लेकर लौट रही नाबालिग लड़की के साथ गांव के ही युवक ने की छेड़खानी लड़की के आरोप के मुताबिक लड़की के साथ किया बलात्कार
लोहिया नगर मेरठ स्थित सत्य साईं कुष्ठ आश्रम पर श्री महेन्द्र भुरंडा जी एवं उनके पुत्र श्री देवेन्द्र भुरंडा जी ने बेसहारा और बीमार कुष्ठ रोगियों के लिए राशन वितरित किया।  
Image
सास भी कभी बहू थी.....
Image