आर्थिक मंदी से संकट गहराया, 10,000 और लोगों को नौकरी से निकालेगा एचएसबीसी

*आर्थिक मंदी से संकट गहराया, 10,000 और लोगों को नौकरी से निकालेगा एचएसबीसी*


नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाई आर्थिक सुस्ती का असर अब रोजगार पर भी दिखने लगा है। दिग्गज अंतरराष्ट्रीय बैंक एचएसबीसी 10,000 और लोगों की छंटनी करने जा रहा है। कुछ ही सप्ताह पहले ही बैंक ने कमजोर वैश्विक आउटलुक का हवाला देते हुए 4,000 लोगों को नौकरी से निकालने की घोषणा की थी। बैंक के सीईओ ने भी पद छोड़ दिया था।नौकरी से निकाले जाने वालों में अधिकतर मोटी तनख्वाह पाने वाले कर्मचारी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक बैंक को घटती ब्याज दर, ब्रेक्जिट और लंबा खिंच रहे ट्रेड वार से निपटने में मु्श्किल हो रही है। बैंक के नए प्रमुख नोएल क्विन खर्च घटाने के लिए नई मुहिम चला रहे हैं। इसी मुहिम के तहत 10,000 और लोगों को नौकरी से निकाला जाएगा। नौकरी से निकाले जाने वालों में अधिकतर मौटी तनख्वाह पाने वाले कर्मचारी हैं। बैंक का मुख्यालय लंदन में है।
एक सूत्र ने कहा कि हम कई साल से यह जानते हैं कि हमें खर्च के मोर्चे पर कुछ करने की जरूरत है और कर्मचारियों का वेतन खर्च का सबसे बड़ा हिस्सा है। अब हम इस कठिन फैसले को ले रहे हैं। सवाल यह है कि जब एशिया के कुछ हिस्सों में दहाई अंकों में विकास दर्ज की जा रही है, तो यूरोप में इतने अधिक लोग क्यों काम कर रहे हैं।बैंक ने पिछले महीने सीईओ जॉन फ्लिंट के पद छोड़ने की घोषणा की थी। फ्लिंट 18 महीने ही पद पर रहे। बैंक ने हालांकि उनके पद छोड़ने के फैसले का कारण नहीं बताया। उसी समय बैंक ने कहा था कि वह अंतरराष्ट्रीय श्रम बल में से दो फीसदी यानी 4,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगा, जिनमें अधिकतर प्रबंधन से जुड़े थे। पहली छमाही में बैंक ने शुद्ध लाभ में 18.6 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की है। तीसरी तिमाही के नतीजे बैंक इसी महीने घोषित करने वाला है।
अन्य बैंक भी कर रहे हैं छंटनी
पिछले महीने जर्मनी के दूसरे सबसे बड़े बैंक कॉमर्जबैंक ने कहा था कि वह 4,300 पूर्णकालिक पद के बराबर कर्मचारियों की छंटनी करेगा। यह संख्या उसके कर्मचारियों की कुल संख्या का 10 फीसदी है। बैंक ने 200 शाखाएं बंद करने की भी घोषणा की थी।


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