।। मीडिया कर्मचारियों को समर्पित कुछ पंक्तियां"..।।
क्वार्टर में है राशन नहीं, फिर भी ड्यूटी जाते हैं।
सारी दुकानें बंद हो जाती, जब हम वापस आते हैं।
माँ बापू सिसक कर पूछ रहे हैं, बेटा कैसे खाते हो।
जब पूरा देश बंद है तो, तुम क्यों ड्यूटी जाते हो।
यहां सब कुछ मिल रहा है, झूठ बोलकर माॅ को समझाते।
देश के लिए यह समर्पित जीवन, इसलिए ड्यूटी जाते।
कट रही है जिंदगी, जैसे जी रहे हैं बनवास में।
हम तो हैं मीडिया कर्मचारी, ड्यूटी कर रहे हैं हर हाल में।
हम तड़पते ड्यूटी में, परिवार चिंतित गांव में।
जिंदगी मानो ठहर सी गई है, जैसे बेरी जकड़ी पांव में।
ना हम सेना, ना हम शिक्षक, ना हम डॉक्टर,
ना कोई सम्मान हम पाते हैं,
हम तो सिर्फ मीडिया कर्मचारी हैं, इसलिए ड्यूटी जाते हैं ।
( घर में रहें सुरक्षित रहें )
💐सभी मीडिया कर्मचारियों को समर्पित💐
समस्त मीडिया कर्मियों के लिए