योगी सरकार ने प्रधानों की संपत्ति के दिए जांच के आदेश
आपको बताते चलें कि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार योगी सरकार ने भ्रष्टाचारी प्रधानों के गले में फांसी के फंदे लगाने जैसा दिया आदेश क्योंकि प्रदेश की येसी कोई ग्रामसभा नहीं जिसमें ग्राम सभा का प्रधान भ्रष्टाचार में लिप्त न हो क्योंकि चुनाव से पहले ग्राम प्रधान स्वच्छ और इमानदार होता है परंतु प्रधान बनते ही सरकार से जनता तक सीधी पहुंचने वाली धनराशि को आधा करके पहुंचाता है उस आधी जनता की धनराशि में यह बताते हैं कि अधिकारी कर्मचारी को हम लोग पहुंचाते हैं नहीं तो ब्लॉक से धनराशि हमारे खाते में नहीं आएगी क्योंकि प्रधानों का मानना यह होता है कि हम तो जनता के प्रतिनिधि बनकर आए इसलिए सरकार की धनराशि को आधा हमें लेने का अधिकार क्षेत्र है परंतु ग्राम पंचायत अधिकारी तो सरकार के आदेश के पालन के लिए बनाए जाते हैं परंतु वह भी ग्राम प्रधान के साथ भ्रष्टाचार में बराबर के सहयोगी होते हैं इसलिए यह होता है कि सरकार के कार्यरत ग्राम पंचायत अधिकारी ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार में सहयोग करके भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं येसा जनपद लखीमपुर खीरी कि कई ब्लॉकों में हो चुका है क्योंकि ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी के ऊपर भ्रष्टाचार करने के मुकदमे कई दर्ज हुए परंतु वह कभी जेल नहीं गए जबकि संविधान के उन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ जिनकी जमानत मिलना भी असफलता है परंतु फिर भी वह भ्रष्टाचार करके भी अपनी सरकारी नौकरी आनंद से कर रहे सरकार जो योजनाएं जनता तक पहुंचाना चाहती है वह सही मायने में जनता तक नहीं पहुंचती हैं इसलिए सरकार ने यह आदेश पारित करके जनता का हक जनता तक पहुंचाने का कदम उठाया है भ्रष्टाचारियों की अब योगी सरकार में खैर नहीं जो भी अधिकारी कर्मचारी जांच में लिप्त पाए जाएंगे उन पर भी होगी विधिक कार्यवाह