सभी पत्रकार बरतें विशेष सावधानी क्यूंकि आप ख़ुद भी आसानी से संक्रमित हो सकतें हैं व संक्रमण को तेज़ी से फैला भी सकतें हैं
पत्रकारों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है चाहेसांसद हो चाहे विधायक हो या कोई क्षेत्र का बड़ा आदमी हो या समाजसेवी हो जहां पर पत्रकार की बात आती है पत्रकार अपनी जिंदगी को खुद जान जोखिम में छोड़ करके सरकार की आवाज को जनता तक पहुंचाने का काम कर रही है और जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाने का काम कर रही है और इस महामारी वायरस क्रोना में पुलिस अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रही हैं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया उसके बावजूद कोई उनको पूछने वाला कोई नहीं है कि 1 लीटर पेट्रोल कहां से आता है कैसे खर्चा चलता है वहीं पर सरकार माननीय मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी केआदेशानुसार सरकारी कर्मचारियों को मास्क और दस्ताना सैनिटाइजर साबुन सारी सुविधाएं उपलब्ध होती लेकिन संविधान के चौथे स्तंभ के लिए कोई चीज नहीं उपलब्ध हो रही है जबकि देश जब से आजाद हुआ है तब से संविधान का चौथा स्तंभ कहा जाता है प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की खबर लेने वाला कोई विधायक सांसद Meerutक्षेत्र का नही है ख्याल करने वाला ना किया कभी जबकि लास्ट में कोई गुड वर्क छपवाना चाहते हैं तो मीडिया के ही लोगों केद्वारा गुड वर्क छपते हैं उसके बाद कोई पूछने वाला नहीं होता है विधायक और सांसद हो और चाहे जो विधायक सांसद हो अपनी निधि से तमाम पैसा खर्च कर रहे हैं लेकिन पत्रकारों की समस्या और उनकी ख्याल करने की किसी सांसद विधायक को नहीं है जहां पर पत्रकारों को विधायक या सांसद को गुड वर्क लिखना होता है तो बड़े प्रेम से बुलाते हैं अन्यथा नहीं तो फिर नहीं बुलाते हैं इस समय पत्रकार अपनी जान जोखिम में छोड़ करके पुलिस कर्मी का पूरा सहयोग कर रहे हैं और राज्य सरकार का और प्रदेश सरकार का काम भी कर रहेहै अपनी जान जोखिम में छोड़कर काम करते
मित्रों, मैंने अपने पत्रकारिता अनुभव में ऐसा नज़ारा नहीं देखा जहां एक महामारी इतनी तेज़ी से फैल रही है।
सभी को ये ज्ञात है कि कोरोना बीमारी में एक से दूसरे व्यक्ति को आसानी से संक्रमित हो सकता है, पत्रकारिता धर्म हमें हर छोटी से बड़ी खबर हर सूरत में जनता तक पहुंचाने की ज़िम्मेदारी देता है और हमारे सारे पत्रकार बंधु हर सूरत में अपना ये धर्म बख़ूबी निभाते है फिर चाहे वो दंगे हो, युद्ध हो, कोई हिंसक प्रदर्शन हो या फिर कुछ और।
लेकिन इस बार परिदृश्य बेहद गंभीर है क्योंकि संक्रमण फैलाने वाली बीमारी से यदि कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो तो वो वही संक्रमण कई जगह पहुंचा सकता है, *एक पत्रकार दिन भर में कई जगह जाता है, आम जनता से लेकर अफसरों, राजनीतिज्ञों स्वाथय्य कर्मियों इत्यादि से मिलता है ऐसे में उसके संक्रमित होने का ख़तरा कई गुना बढ़ जाता है, और यदि वो संक्रमित हो जाए तो उससे ज़्यादा तेज़ी से संक्रमण फैलाने वाला माध्यम और कोई नहीं हो सकता इसीलिए पत्रकार बंधुओं को सबसे ज़्यादा सावधानी रखने की आवश्यकता है, हमेशा मास्क पहने रहना, हर थोड़ी देर में हाथ धोना, sanitize करने, अस्पताल और ऑब्जर्वेशन व क्वारांटेन क्षेत्र से दूरी बनाने के अलावा मेरे निम्न सुझाव हैं -
1) इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बंधु पत्रकार अति आवश्यक होने पर ही बाइट लें, और यदि लें तो बूम माइक को टेली मोड पर रख एक मीटर की दूरी बनाएं, मास्क पहने रखें और यदि हो सके तो बूम माइक स्पोंज को हर बाइट के बाद सैनिटाइजर से sanetize करें, साथ ही दिन में कम से कम दो से तीन बार माइक यूनिट व कैमरों को भी एक sanetizer में भीगी हुई गौज़ से डिसिंफेक्ट करें
2) प्रिंट मीडिया के बंधु फील्ड में खबर लिखते वक्त यदि डायरी पेन के इस्तेमाल कि जगह अपने मोबाइल में सॉफ्ट नोट लिख डेस्क पर भेजें तो अधिक सावधानी रहेगी, साथ ही यदि फील्ड पर किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस या कार्यक्रम में कलम लाना भूल गए हों तो किसी दूसरे की कलम लेने से बचें और यदि परिस्थिति में इस्तेमाल कर भी लिया हो तो करने के तुरंत बाद हाथ धोएं या sanitize करें
3) सभी फील्ड के पत्रकार बंधु डेस्क ऑफिस आने जाने से बचे, उपलब्ध सॉफ्टवेयर या वाट्सएप के माध्यम से डेस्क तक खबरें पहुंचाए
4) किसी भी एयरपोर्ट, बस अड्डे या रेलवे स्टेशन पर यदि चल रही स्क्रीनिंग का कवरेज या इन जगहों पर किसी संदिग्ध मरीज़ के मिलने का न्यूज़ प्वाइंट यदि बहुत आवश्यक हो तो ही कवर करने जाएं और उचित दूरी ज़रूर बनाएं, अब अत्याधुनिक मोबाइल फोन कैमरे भी काफी दूरी तक के विजुअल साफ ले लेते हैं, टेक्नोलॉजी का उपयोग कीजिए
5) वैसे सभी प्रदेशों में प्रेस कॉन्फ्रेंस, गोष्ठी, या अन्य कार्यक्रम स्थगित या रोक दिए गए हैं फिर भी यदि अति आवश्यक हो तो पूरी सावधानी से अच्छी गुणवत्ता का मास्क लगा के जाएं, खत्म होते ही तुरंत निकलकर अपने इक्विपमेंट व हाथ sanitize करें
6) अंतिम लेकिन सबसे महत्वपूर्ण, रोज़ के अपने मूवमेंट का रिकॉर्ड या लॉग अवश्य रखें, जैसे कि सुबह घर से निकल कर और वापस काम ख़त्म करके जब आप घर लौटे तो कहां कहां गए, इसका दिनांक समेत रिकॉर्ड रखें और ज़रा सी भी तबीयत ख़राब होने पर तुरंत मेडिकल सहायता लें।
इस परीक्षा की घड़ी में सभी पत्रकार बंधु अपने पत्रकारिता धर्म को निभाने के साथ अपने स्वास्थ्य का व अपने नागरिक धर्म का भी बहुत खयाल रखें।
यदि आपको सुझाव ठीक लगें हो तो अधिक से अधिक पत्रकार बंधुओं तक पहुंचा कर सभी को सजग व सावधान रखने में मेरी सहायता करें।