लॉक डाउन के कारण"

"लॉक डाउन के कारण"
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कोरोना पहली स्टेज :


विदेश से नवांकुर आया। 
एयरपोर्ट पर उसको बुखार नहीं था। 
उसको घर जाने दिया गया। 
पर उससे एयरपोर्ट पर एक शपथ पत्र भरवाया गया कि वह 14 दिन तक अपने घर में कैद रहेगा और बुखार आदि आने पर इस नंबर पर संपर्क करेगा। 
घर जाकर उसने शपथ पत्र की शर्तों का पालन किया। 
वह घर में कैद रहा। 
यहां तक कि उसने घर के सदस्यों से भी दूरी बनाए रखी। 
नवांकुर की मम्मी ने कहा कि अरे तुझे कुछ नहीं हुआ। 
अलग थलग मत रह। 
इतने दिन बाद घर का खाना मिलेगा तुझे, आजा किचिन में... मैं गरम-गरम परोस दूं।
 नवांकुर ने मना कर दिया। 
अगली सुबह मम्मी ने फिर वही बात कही। 
इस बार नवांकुर को गुस्सा आ गया। 
उसने मम्मी को चिल्ला दिया। 
मम्मी की आंख में आंसू झलक आये। 
मम्मी बुरा मान गयीं। 

नवांकुर ने सबसे अलग थलग रहना चालू रखा।
 6-7वें दिन नवांकुर को बुखार सर्दी खांसी जैसे लक्षण आने लगे। 
नवांकुर ने हेल्पलाइन पर फोन लगाया। 
कोरोना टेस्ट किया गया। 
वह पॉजिटिव निकला।
उसके घर वालों का भी टेस्ट किया गया। 
वह सभी नेगेटिव निकले। 
पड़ोस की 1 किमी की परिधि में सबसे पूछताछ की ऐसे सब लोगों का टेस्ट भी किया गया। 
सबने कहा कि नवांकुर को किसी ने घर से बाहर निकलते नही देखा। 
चूंकि उसने अपने आप को अच्छे सेआइसोलेट किया था इसीलिए उसने किसी और को कोरोना नहीं फैलाया। 
नवांकुर जवान था। 
कोरोना के लक्षण बहुत मामूली थे। 
बस बुखार सर्दी खांसी बदन दर्द आदि हुआ। 
7 दिन के ट्रीटमेंट के बाद वह बिल्कुल ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी पाकर घर आ गया।

जो मम्मी कल बुरा मान गईं थीं, वो आज शुक्र मना रहीं हैं कि घर भर को कोरोना नहीं हुआ।

यह पहली स्टेज जहां सिर्फ विदेश से आये आदमी में कोरोना है। 
उसने किसी दूसरे को यह नहीं दिया। (1)


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कोरोना दूसरी स्टेज :


राजू में कोरोना पॉजिटिव निकला। 
उससे उसकी पिछले दिनों की सारी जानकारी पूछी गई। 
उस जानकारी से पता चला कि वह विदेश नहीं गया था। 
पर वह एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है। 
वह परसों गहने खरीदने के लिए एक ज्वेलर्स पर गया था। 
वहां के सेठजी हाल ही में विदेश घूमकर लौटे थे। 
सेठजी विदेश से घूमकर आये थे। 
उनको एयरपोर्ट पर बुखार नहीं था। 
इसी कारण उनको घर जाने दिया गया। 

पर उनसे शपथ पत्र भरवा लिया गया, कि वह अगले 14 दिन एकदम अकेले रहेंगे और घर से बाहर नहीं निकलेंगे। 

घर वालों से भी दूर रहेंगे।
विदेश से आये इस गंवार सेठ  ने एयरपोर्ट पर भरे गए उस शपथ पत्र की धज्जियां उड़ाईं। 

घर में वह सबसे मिला और अगले दिन अपनी ज्वेलेरी दुकान पर जा बैठा। 
6-वें दिन ज्वेलर को बुखार आया। 
उसके घर वालों को भी बुखार आया। 
सबकी जांच हुई। 
जांच में सब पॉजिटिव निकले। 
यानि विदेश से आया आदमी खुद पॉजिटिव। फिर उसने घर वालों को भी पॉजिटिव कर दिया। 
इसके अलावा वह दुकान में 450 लोगों के सम्पर्क में आया। 
जैसे नौकर, ग्राहक आदि। 
उनमें से एक ग्राहक राजू था। 
सब 450 लोगों का चेकअप हो रहा है। 
अगर उनमें किसी में पॉजिटिव आया तो भी यह सेकंड स्टेज है। 
डर यह है कि इन 450 में से हर आदमी न जाने कहाँ कहाँ गया होगा।

कुल मिलाकर स्टेज 2 यानी कि जिस आदमी में कोरोना पोजिटिव आया है, 
वह विदेश नहीं गया था। 
पर वह एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है। 


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कोरोना तीसरी स्टेज :


रामसिंग को सर्दी खांसी बुखार की वजह से अस्पताल में भर्ती किया, 
वहां उसका कोरोना पॉजिटिव आया। 

पर रामसिंग न तो कभी विदेश गया था। 
न ही वह किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है। 

यानि हमें अब वह स्रोत नहीं पता कि रामसिंग को कोरोना आखिर लगा कहाँ से??

स्टेज 1 में आदमी खुद विदेश से आया था।
स्टेज 2 में पता था कि स्रोत सेठजी हैं। 
स्टेज 3 में आपको स्रोत ही नहीं पता।

स्रोत नहीं पता तो हम स्रोत को पकड़ नहीं सकते। 
उसको अलग थलग नहीं कर सकते। 
वह स्रोत न जाने कहाँ होगा और 
अनजाने में ही कितने सारे लोगों को इन्फेक्ट कर देगा।


स्टेज-3 lकैसे बनती है? :


सेठजी जिन 450 लोगों के सम्पर्क में आये। जैसे ही सेठजी के पॉजिटिव होने की खबर फैली, तो उनके सभी -
ग्राहक, 
नौकर, 
घर के पड़ोसी, 
दुकान के पड़ोसी, 
दूधवाला, 
चाय वाला....सब अस्पताल को दौड़े। 
सब लोग कुल मिलाकर 440 थे। 
10 लोग अभी भी नहीं मिले। 
पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम उनको ढूंढ रही है। 

उन 10 में से अगर कोई किसी मंदिर आदि में घुस गया तब तो यह वायरस खूब फैलेगा। 
यही स्टेज 3 है जहां आपको स्रोत नहीं पता।


स्टेज-3 को रोकने के उपाय :

14 दिन का lockdown, कर्फ्यू लगा दो। 
शहर को 14 दिन एकदम तालाबंदी कर
     दो। 
किसी को बाहर न निकलने दो।

इस तालाबंदी से क्या होगा?:

हर आदमी घर में बंद है। 
जो आदमी किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में नहीं आया है तो वह सुरक्षित है।

जो अज्ञात स्रोत है, 
वह भी अपने घर में बंद है। 

जब वह बीमार पड़ेगा, 
तो वह अस्पताल में पहुंचेगा। 
और हमें पता चल जाएगा कि अज्ञात स्रोत यही है। 

हो सकता है कि इस अज्ञात श्रोत ने अपने घर के 4 लोग और संक्रमित कर दिए हैं, 
पर बाकी का पूरा शहर बच गया। 

अगर LOCKDOWN न होता। 
तो वह स्रोत पकड़ में नहीं आता। 
और वह ऐसे हजारों लोगों में कोरोना फैला देता। 
फिर यह हजार अज्ञात लोग लाखों में इसको फैला देते। 
इसीलिए lockdown से पूरा शहर बच गया और अज्ञात स्रोत पकड़ में आ गया।



क्या करें कि स्टेज-2, स्टेज-3 में न बदले।

Early lockdown यानी 

स्टेज 3 आने से पहले ही तालाबन्दी कर दो।

यह lockdown 14 दिन से कम का होगा।

उदाहरण के लिए -

सेठजी एयरपोर्ट से निकले, उनने धज्जियां उड़ाईं।
घर भर को कोरोना दे दिया। 
सुबह उठकर दुकान खोलने गए। 
पर चूंकि तालाबंदी है। 
तो पुलिस वाले सेठजी की तरफ डंडा लेकर दौड़े। 
डंडा देख सेठजी शटर लटकाकर भागे। 
अब चूंकि मार्किट बन्द है।
तो 450 ग्राहक भी नहीं आये। 
सभी बच गए।
राजू भी बच गया। 
बस सेठजी के परिवार को कोरोना हुआ। 
6वें 7वें दिन तक कोरोना के लक्षण आ जाते हैं। 
विदेश से लौटे लोगों में लक्षण आ जाये तो उनको अस्पताल पहुंचा दिया जायेगा। 
और 
नहीं आये तो इसका मतलब वो कोरोना नेगेटिव हैं।


याद रखिए


            सावधानी हटी, दुर्घटना घटी"


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Sachin Bharti bhavna Ki Pukar sampadak