वोडाफोन आइडिया पर बंद होने का खतरा! टेलिकॉम सेक्टर में लाखों नौकरियां पर संकट

वोडाफोन आइडिया पर बंद होने का खतरा! टेलिकॉम सेक्टर में लाखों नौकरियां पर संकट
 
सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों को झटका देते हुए AGR लायबिलिटीज पर पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने 1.47 लाख करोड़ रुपये के वैधानिक बकायों की रकम को 24 जनवरी 2020 की डेडलाइन तक जमास करने को कहा है. इस फैसले पर जहां मोबाइल सेवा प्रदाताओं के संगठन सेल्यूलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने निराशा जताई है, वहीं बाजार के जानकार इसे टेलिकॉम कंपनियों के लिए बड़ी मुसीबत मान रहे हैं. माना तो यहां तक जा रहा है कि सरकार की ओर से कोई राहत नहीं मिलती है तो वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) पर तो बंद होने का खतरा बढ़ जाएगा. इससे सेक्टर में लाखों नौकरियां पर संकट आ सकता है.
बंद हो सकती है वोडाफोन आइडिया, जाएंगी नौकरियां
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक अपेक्स कोर्ट के इस फैसले से टेलिकॉम कंपनियों पर दबाव बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा. यहां तक कि सरकार अगर अपनी ओर से राहत को कोई उपाय नहीं करती है तो वोडाफोन इंडिया पर तो बंद होने का भी खतरा बढ़ जाएगा. वोडाफोन आइडिया पर करीब 1.17 लाख करोड़ रुपये का भारी कर्ज बकाया है और वह डिफाल्ट कर सकती है. इससे टेलिकॉम सेक्टर में एक बार फिर हजारों या लाखों लोगों की नौकरियां जा सकती हैं. हालांकि एयरटेल के पास इस संकट से निकलने की क्षमता है. इन सबके बीच जियो को सबसे ज्यादा फायदा होगा.
*केएम बिड़ला ने भी दिए थे संकेत*
बता दें कि पिछले महीने ही पैसों की कमी से जूझ रही वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा था कि अगर सरकार एजीआर इश्यू पर टेलिकॉम कंपनी को अपनी ओर से राहत नहीं देती है तो यह बंद हो जाएगी. हमें सरकारी राहत न मिलने की वजह से कंपनी बंद करनी पड़ेगी. अगर सरकार ने जरूरी राहत नहीं दी तो हम इसमें भविष्य में किसी तरह का निवेश नहीं करेंगे. इस बात का कोई मतलब नहीं रह जाता कि हम गुड मनी को बैड मनी में बदल दें. उन्होंने यह भी कहा कि राहत न मिलने की कंडीशन में वह कंपनी को दिवाला प्रक्रिया में ले जाएंगे.
पिछले दिनों आई ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला की संपत्ति में 2017 के बाद से एक तिहाई की कमी आई है. बिड़ला की नेट वर्थ दो साल में 9.1 अरब डॉलर से गिरकर 6 अरब डॉलर हो गई है. बिड़ला ग्रुप की कंपनी आइडिया ने पिछले साल वोडाफोन के साथ हाथ मिलाये थे. वोडाफोन आइडिया को इसके बाद बड़ा घाटा झेलना पड़ा है.
*टेलिकॉम सेक्टर में बढ़ेगा वित्तीय संकट*
सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने कहा कि हम समायोजित सकल राजस्व मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन दूरसंचार क्षेत्र में इससे गहरी निराशा हुई है. उन्होंने कहा कि कंपनियों के लिये पुर्निवचार याचिका ‘तिनके का सहारा था’ लेकिन इसके खारिज होने से वित्तीय संकट और बढ़ेगा और यह देखने वाली बात होगी कि क्या उद्योग इससे उबर पाएगा? इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया दृष्टिकोण पर भी असर पड़ेगा. दूरसंचार क्षेत्र पहले से कर और शुल्कों के भारी बोझ से जूझ रहा है. यह 29 से 32 फीसदी तक बैठता है और यह दुनिया में सर्वाधिक है.
फिलहाल टेलिकॉम सेक्टर 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज से जूझ रहा है. ग्राहकों को लाभ पहुंचाने, रोजगार के अवसर बढ़ाने, (सरकार के लिए) राजस्व सृजित करने आदि की दृष्टि से भारतीय अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है. यह क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.5 फीसदी का योगदान कर रहा है.
क्या है लीगल आप्शन
वोडाफोन आइडिया एजीआर मामले में सुधारात्मक याचिका दायर करने पर कर रही विचार कर रही है. कंपनी ने इस बारे में जानकारी दी है. शेयर बाजार को दी जानकारी में वोडाफोन आइडिया ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने कंपनी और अन्य दूरसंचार कंपनियों की पुर्निवचार याचिका को खारिज कर दिया है. कंपनी सुधारात्मक याचिका समेत अन्य विकल्पों की भी तलाश कर रही है. इससे पहले कंपनी भारी वित्तीय दबाव के चलते कॉल और इंटरनेट दरों में इजाफा भी कर चुकी है.


Popular posts
राजस्थान के जयपुर में 28 फरवरी, सन् 1928 को दीनाभाना जी का जन्म हुआ था। बहुत ही कम लोग जानते हैं कि वाल्मीकि जाति (अनुसूचित) से संबंधित इसी व्यक्ति की वजह से बामसेफ और बाद में बहुजन समाज पार्टी का निर्माण हुआ था।
लोहिया नगर मेरठ स्थित सत्य साईं कुष्ठ आश्रम पर श्री महेन्द्र भुरंडा जी एवं उनके पुत्र श्री देवेन्द्र भुरंडा जी ने बेसहारा और बीमार कुष्ठ रोगियों के लिए राशन वितरित किया।  
Image
न कलम बिकता है, न कलमकार बिकता है।
कोरोना से जंग की तैयारी में जुड़े, दिल्ली के तीन और प्राइवेट अस्पताल।
Image
फिर से एक और गवर्नर बदलने की नौबत आ गई है। RBI से सरकार फिर से 45 हज़ार करोड़ माँग रही है! इसके पहले 2.80 लाख करोड़ RBI से छीन चुकी है, 50 हज़ार करोड़ का राज्यों का GST भी नही लौटा रही। क्रोनोलोजी यहां है
Image