वैभव 2010 यूपी कैडर के आईपीएस हैं. इस निलंबन के साथ ही 10 साल की आईपीएस की नौकरी में यूपी में दो बार सस्पेंड होने वाले वैभव कृष्ण पहले एसएसपी बन गए हैं. इससे पहले 2016 में बुलंदशहर में हुए गैंगरेप मामले में लापरवाही भरा कदम उठाने के लिए अखिलेश सरकार ने उन्हें सस्पेंड किया था.

वैभव 2010 यूपी कैडर के आईपीएस हैं. इस निलंबन के साथ ही 10 साल की आईपीएस की नौकरी में यूपी में दो बार सस्पेंड होने वाले वैभव कृष्ण पहले एसएसपी बन गए हैं. इससे पहले 2016 में बुलंदशहर में हुए गैंगरेप मामले में लापरवाही भरा कदम उठाने के लिए अखिलेश सरकार ने उन्हें सस्पेंड किया था.


जुलाई 2016 में हुआ था बुलंदशहर गैंगरेप


29 जुलाई 2016 की रात कार से नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे एक परिवार को एनएच-91 पर बंधक बनाकर मां-बेटी के साथ गैंगरेप की वारदात हुई थी. इस दर्दनाक घटना के दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से 100 नंबर पर कॉल की गई थी, लेकिन किसी ने रिस्पॉन्स नहीं किया. हैरानी की बात ये थी कि घटनास्थल से पुलिस चौकी कुछ ही दूरी पर थी.


अगर पुलिस रिस्पॉन्स करती तो आरोपियों को फौरन पकड़ा जा सकता था. इस लापरवाही के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एसएसपी समेत एएसपी, सीओ, थाना इंचार्ज समेत कई दरोगा को सस्पेंड कर दिया था. इस घटना के दौरान भी एसएसपी वैभव कृष्ण का सस्पेंशन चर्चाओं में रहा था.


मॉर्फ्ड वीडियो बनाने के आरोप लगाए थे


बता दें कि एसएसपी वैभव कृष्ण कथित अश्लील वीडियो के बाद विवादों में आए थे. एसएसपी वैभव कृष्ण को एक अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने आईपीएस अफसर अजयपाल शर्मा, सुधीर सिंह, हिमांशु कुमार, राजीव नारायण मिश्रा और गणेश साहा पर ट्रान्सफर-पोस्टिंग का धंधा चलाने और षडयंत्र के तहत मॉर्फ्ड वीडियो बनाने के आरोप लगाए थे. वहीं, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में  वैभव कृष्ण ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को फर्जी और साजिश का हिस्सा बताया था.