उ प्र सरकार मे UPPCL के 87 बड़े भ्रष्टाचारियों के ना उजागर करने से क्यो कतरा रही है प्रदेश सरकार

जीरो टालरेंस दावे पर चलने वाली
उ प्र सरकार मे UPPCL के 87
बड़े भ्रष्टाचारियों के ना उजागर करने से क्यो कतरा रही है प्रदेश सरकार
जनवरी 14 लखनऊ उ प्र मे सीधे तौर पर उपभोक्ताओं से जुड़े विद्युत विभाग के बड़े भरस्टाचार मे संलिप्त 87 अधिकारियों के विरुद्ध विजलेंस जाँच कराने के आदेश प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री जी द्वारा विगत कई माह पहले पूर्व में बडका बाबू आलोक कुमार के समय एक पत्र लिखा था  परन्तु आजतक इस कार्यवाही को ना ही नव नियुक्त प्रबंध UPPCL और नही उ प्र सरकार लाने मे पूरी तरह विफल होती नजर आ रही है आखिर क्या है इन नामों के पीछे का रहस्य क्या इस जाँच के दायरे मे आने वाले बड़े भ्रष्टाचारी सरकार की इस जाँच को अपने मजबूत प्रभाव से रोकने मे पूरी तरह सफल है अगर सच में कोई कार्रवाई होनी है तो यह जाँच अबतक क्यो और कहा रुकी है यह एक गम्भीर और रहस्यमय सवाल को जन्म देता है सूत्रो की खबरो के अनुसार वर्तमान मे मात्र 8 लोगो के विरुद्ध कई माह बाद जाँच के आदेश हुए है जिनमे दो निदेशक स्तर (डायरेक्टर) पाँच अधीक्षण(se) अभियंता और एक अधिशासी अभियंता(ee) शामिल है जिन्हे इन दिनों सत्ता मे मजबूत और दमदार पकड़ रखने वाले नेताओ एवं अधिकारियों की गणेश परिक्रमा करते राजधानी की सड़कों पर देखा जा रहा है और हो भी क्यों  इनमें से कुछ तो लखनऊ मे ही तैनात है बाकी 79 लोगो की सूची आज की तारीख तक गुमनाम राजधानी के दफ्तरों की फाइल मे अपनी बारी का इंतजार करते धूल फांक रही है और यहाँ तैनात यह उच्च अधिकारी और उनके अधीनस्थ ऐसे भ्रष्टा लोग तो आय से अधिक सम्पत्ति की जाँच रोकने में पूरी ताकत लगाते नजर आ रहे है क्या प्रदेश सरकार की इतनी महत्वपूर्ण संस्थान को लूटने वालो के नाम की सूची अगर सरकार के ऊर्जा मंत्री के पास मौजूद है तो फिर यह कहना गलत नही होगा कि प्रदेश सरकार की जीरो टालरेंस नीति की हवा निकालते यह UPPCL के प्रभावशाली भ्रष्टाचारी सरकार के साथ साँप और सीढ़ी का खेल खेलते हुए अपना और सरकार का वक्त बिताने मे पूरी तरह सफल होने की ओर बढ़ते नजर आ रहे है और सरकार भ्रस्टाचार मुक्त प्रदेश का दावा करने से थकती नजर नहीं आ रही है यानि कि सरकार डाल डाल और भ्रष्टाचारी पाथ पाथ । खैर