जनसहयोग से बनेगा महिला अस्पताल
(करोड़ो की संपत्ति महिला अस्पताल के लिए )
राकेश बनाऐंगे महिला अस्पताल, होगा मुफ्त इलाज।
समाजसेवा से राजनीति में कदम रखने वाले विधानसभा प्रत्याशी राकेश तिवारी ने चुनाव खत्म होते ही आराम फरमाने के बजाय अपने समाजिक सरोकार को बल देना प्रारंभ कर दिया। डालटनगंज विधानसभा से सबसे कम उम्र में किस्मत आजमा चुके राकेश तिवारी ने चुनाव में किए गए सबसे बड़े वादे को पूरा करने का ऐलान कर दिया। स्वास्थय के क्षेत्र को सुधारने में महत्ती भूमिका निभाने वाले युवा पलामू के प्रणेता राकेश ने महिलाओं के लिए निःशुल्क महिला अस्पताल बनवाने के संकल्प को आधार दे दिया... जिसके लिए उन्होंने अपने पैतृक गांव सदर प्रखंड के जोड़ में करोड़ों की जमीन दान कर दी। जिला मुख्यालय से सटे ही अब जल्द ही भारत का पहला भव्य महिला अस्पताल का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा, जिसमें स्वीपर से लेकर निदेशक तक के पद पर सिर्फ महिलाएं काम करेंगी... जहाँ नार्मल डिलेवरी यानि सामान्य प्रसव कराने के अलावे हर इलाज की सुविधा महिलाओं के लिए उपलब्ध रहेगी। स्वास्थय जांच से लेकर दवा तक सारी सुविधाएं महिलाओं को मुफ्त में दी जाऐगी... जहाँ मरीज भी महिला एवं चिकित्सक भी महिला ही होंगी। *खरमास खत्म होने के बाद युवा पलामू महिला अस्पताल के लिए अभियान में*। । जिसके लिए तैयारी जोर-शोर से शुरू कर दी गई है। अपने सक्रियता, कर्तव्यनिष्ठा, परोपकार एवं मुखर युवापंथी के बदौलत युवा समाजसेवी के रूप में उभरे राकेश तिवारी ने स्पष्ट कर दिया कि लोकतंत्र में जातिवाद का कोई स्थान नहीं है, बावजूद जातिगत लड़ाई में उन्हें भले ही जीत नहीं मिली मगर कर्म आधारित संघर्ष में उन्हें कोई नहीं हरा सकता है। राकेश ने बताया कि उनकी प्राथमिकता पलामू का नवनिर्माण करना है ना कि राजनीति को चमकाना... हां, सेवा के लिए राजनीति को राह बनाना गलत नहीं है। राकेश की माने तो राजनीति नहीं बल्कि समाज को नई दिशा प्रदान करना एवं जनहितकारी कार्यों को अपनी क्षमता अनुसार करते रहेंगे... जनता ने मौका नहीं दिया परंतु जनता से किए गए वादे को सरकार से भले ही ना मिले मगर जनता के सहयोग से ही उज्जवल आयाम देंगे, ऊंचा मुकाम तक पहुंचाऐंगे, नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे।
*जनसहयोग से बनेगा महिला अस्पताल*
राजनीति के वर्तमान परिदृश्य से व्यथित राकेश तिवारी ने युवाओं, महिलाओं, बुद्धिजीवीयों से शिक्षा, स्वास्थय, एवं स्वरोजगार के लिए सरकार के भरोसे नहीं रहने की अपील की... उनकी माने तो सरकारी तंत्र जनकल्याण के बजाय स्वकल्याण के लिए काम करती नजर आ रही है। जब तक राजनेताओं का जमीर इमानदारी की राह नहीं पकड़ेगी तब तक सुधार की उम्मीद करना बेमानी है, यही वजह है सरकारी पैसे के भरोसे बैठने के बजाय अपनी क्षमता एवं समाज के सहयोग से मुफ्त इलाज की समुचित व्यवस्था करने के लिए कमर कस लिया है। राकेश ने युवाओं एवं समाज के बुद्धिजीवियों से सहयोग्तामक रवैया अपनाने का आह्वान किया है ताकि युवा पलामू का नवनिर्माण अभियान को बल मिले।