हैदराबाद रेप कांड के दोषियों के एनकाउंटर मे शामिल सभी पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही की जाए*  कोर्ट

हैदराबाद रेप कांड के दोषियों के एनकाउंटर मे शामिल सभी पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही की जाए*  कोर्ट



डॉक्टर दिशा रेप व मर्डर केस के आरोपियों के एनकाउंटर मे शामिल पुलिस कर्मियों पर कानूनी शिकंजा कसना शुरू हो गया है



*पुलिस एनकाउंटर के खिलाफ दायर पीआईएल की सुनवाई के दौरान तेलंगाना हाइकोर्ट के मुखन्यायधीश ने जनरल अधिवक्ता से पूछा एनकाउंटर मे शामिल पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई या नही*



*कोर्ट ने पीपुल्स यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टी विरुद्ध महाराष्ट्र राज्य मामले मे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि एनकाउंटर मे शामिल पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए*



*उत्तर देते हुए जनरल अधिवक्ता ने बताया कि एफआईआर दर्ज की गई है लेकिन एफआईआर मे कोई भी पुलिस कर्मी नामजद नही है*



*इस पर आपत्ति ज़ाहिर करते हुए मुख्यन्यायधीश ने कहा कि सिर्फ औपचारिकता के लिए एफआईआर दर्ज नही होनी चाहिए*



*कोर्ट ने यह तो साफ़ कर दिया कि पीपुल्स यूनिन ऑफ सिविल लिबर्टी महाराष्ट्र राज्य मामले मे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करना चाहिए*



*हाल ही मे रिटायर्ड हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगई सहित सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने इसी वर्ष जुलाई मे अपने एक फैसले मे स्पष्ट किया था कि पुलिस एनकाउंटर मे अगर किसी व्यक्ति की जान जाती है तो एनकाउंटर मे शामिल सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस कर्मियों को मुकदमे का सामना करना पड़ेगा*



*2006 में 8 नक्सलियों को एनकाउंटर मे मार गिराने के एक मामले मे आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट की 5 जजो की बेंच ने ये आदेश जारी किया था*



*हाई कोर्ट ने कहा था कि आत्मरक्षा का हवाला देकर पुलिस खुद को बचा नही सकती केवल मजिस्ट्रेट जांच ही पूरा मुकदमा नही माना जा सकता*



*सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस निर्णय को सही माना है*



*तेलंगाना हाई कोर्ट ने शादनगर एनकाउंटर मामले की सुनवाई को 12 दिसम्बर तक के लिए टाल दिया गया है*



*लेकिन कोर्ट का रुख देखते हुए लगता है कि साइबराबाद पुलिस को रेप कांड के एनकाउंटर मे शामिल पुलिस कर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करनी पड़ सकती है*



*कोर्ट मे जनरल अधिवक्ता ने दलील दी है कि शादनगर एनकाउंटर मे पीआईएल सुप्रीम कोर्ट मे विचाराधीन है*



*हाई कोर्ट ने जनरल अधिवक्ता की दलील को मानते हुए मामले की अगली सुनवाई 12 दिसम्बर के साथ साथ 13 दिसम्बर तक चारो शवों को सुरक्षित रखने हेतु आदेश जारी किए हैं*



कोर्ट ने कहा महबूनगर जिला अस्पताल मे शवों को सुरक्षित रखने हेतु पर्याप्त व्यवस्था नही है तो शवों को एयरकंडीशन एम्बुलेंस से हैदराबाद के गाँधी अस्पताल के फ्रीजर मे रख दिया जाए



देखने वाली बात तो यह है कि साइबराबाद पुलिस ने शादनगर एनकाउंटर मामले मे एनकाउंटर मे शामिल पुलिस कर्मियों के नाम तक ज़ाहिर नही किए हैं



पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने केवल उन दो पुलिस कर्मियों के नाम को उजागर किया है जो कि एनकाउन्टर के समय पत्थर लाठी लगने से ज़ख्मी हो गए थे



दोनों पुलिस कर्मीयो के नाम है एसआई वेंकटेश्वरलू दूसरा सिपाही अरविंद गोड़