UP के सरकारी स्कूलों में रिक्त पदों की भरमार, नहीं मिल रहे योग्य बेरोजगार 

UP के सरकारी स्कूलों में रिक्त पदों की भरमार, नहीं मिल रहे योग्य बेरोजगार 



प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के ढाई वर्ष के कार्यकाल में दो अहम शिक्षक भर्तियों के अंतिम परिणाम आए हैं। दोनों में कुल पदों के सापेक्ष योग्य अभ्यर्थी नहीं मिल सके हैं।अब इसे भी संयोग ही कहेंगे कि दोनों भर्तियों में पहली बार लिखित परीक्षा कराई गई थी। हालत यह है कि प्राथमिक स्कूलों की 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती में अभी 23 हजार से अधिक पद खाली हैं, वहीं राजकीय माध्यमिक कॉलेजों की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में भी एक चौथाई पद ही भर सके हैं।68,500 शिक्षक भर्ती का शासनादेश नौ जनवरी 2018 को आया था। परीक्षा 27 मई को और रिजल्ट 13 अगस्त को जारी हुआ, उसमें सिर्फ 41,556 ही उत्तीर्ण हो सके थे। रिजल्ट में विवाद होने पर प्रदेश सरकार के हस्तक्षेप पर कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन कराया गया। उसमें साढ़े चार हजार से अधिक अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। वहीं, नौ अभ्यर्थी अब भी नियुक्ति पाने को दौड़ लगा रहे हैं। इस भर्ती के तीन चरणों में 45,383 को नियुक्ति दी गई है, अभी 23,117 पद खाली हैं। इन पदों का क्या होगा, इस पर शासन निर्णय नहीं ले सका है। पुनर्मूल्यांकन व नियुक्ति पाने के लिए सैकड़ों याचिकाएं कोर्ट में लंबित हैं।उप्र लोकसेवा आयोग की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 में 15 विषयों के 10,768 पद भरने के लिए हुई थी। 29 जुलाई 2018 को प्रदेश के 39 जिलों के 1760 परीक्षा केंद्रों पर इम्तिहान हुआ था। 7,63,317 आवेदकों में से 52 प्रतिशत ने परीक्षा दी थी, अब तक 12 विषयों के 6,161 पदों का परिणाम जारी हुआ है। उनमें से सिर्फ 2,924 पदों पर ही चयन हो सका है। योग्य अभ्यर्थी न मिलने से 12 विषयों में 3,237 पद खाली हैं। इनमें 3,200 पद गणित, विज्ञान, कंप्यूटर व कला के हैं। आयोग ने संगीत, कृषि, वाणिच्य, उर्दू, गृह विज्ञान, संस्कृत और शारीरिक शिक्षा का परिणाम मई माह में जारी किया। इनमें 1,343 पदों में से 1,306 पद भर गए थे। अक्टूबर में चार विषयों के परिणाम घोषित हुए, कंप्यूटर में 1673 में से 1637, विज्ञान में 1045 में से 961 और गणित के 1035 में से 600 पद योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण खाली रह गए हैं। कला विषय के 470 में से दो पदों पर चयन नहीं हो सका। इधर केवल जीव विज्ञान में सभी पदों पर चयन हुआ है। अभी ङ्क्षहदी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान का परिणाम घोषित होना है। इन चार विषयों में 4607 पद हैं।शासन की उच्च स्तरीय जांच समिति ने प्राथमिक स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती की गड़बडिय़ां उजागर किया। परीक्षा नियामक सचिव, रजिस्ट्रार सहित कई अफसर निलंबित हुए। उनमें कई बहाल होकर नियुक्ति पा चुके हैं। कॉपी पर अनुत्तीर्ण 49 अभ्यर्थियों को बाहर करने व मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।इसी तरह एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में मई के अंत में पेपर लीक का मामला सामने आया। एसटीएफ की आयोग परिसर में छापेमारी के बाद तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की गिरफ्तारी हुई। वे अभी जेल में ही हैं। पेपर लीक प्रकरण पहले भर्ती प्रक्रिया रोकी गई फिर अक्टूबर से शुरू हुई है। ङ्क्षहदी व सामाजिक विषय के रिजल्ट पर असमंजस बना है।बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 69,000 शिक्षक भर्ती का शासनादेश एक दिसंबर 2018 को जारी हुआ। छह जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा कराई गई। उत्तीर्ण प्रतिशत को लेकर यह भर्ती अधर में फंसी है। अब तक संशोधित उत्तर कुंजी व रिजल्ट जारी नहीं हो सका है। ज्ञात हो कि शासन ने इस भर्ती में परीक्षा के दो दिन बाद सामान्य वर्ग के लिए 65 प्रतिशत व आरक्षित वर्ग के लिए 60 प्रतिशत उत्तीर्ण अंक तय किए थे। जबकि 68,500 शिक्षक भर्ती में सामान्य व ओबीसी को 45 प्रतिशत व एससी व एसटी को 40 प्रतिशत अंक पाने थे। इसी को लेकर प्रकरण इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है।