मुसद्दी लाल आफिस-आफिस" चित्रकला की तर्ज पर जिले भर में जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा जिन्दा लोगों को मरा घोषित

 


चला मुसद्दी लाल आफिस-आफिस" चित्रकला की तर्ज पर जिले भर में जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा जिन्दा लोगों को मरा घोषित कर हितग्राहियों को अपात्र घोषित करने 


गौरतलब हैं कि जिस तरह चित्रकला "चला मुसद्दी लाल आफिस-आफिस" में एक पात्र नायक को जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा दस्तावेज में मरा घोषित कर, उससे उसके ज़िंदा होने सबूत के लिए पैसों की मांग किया जाता रहा ठीक उसी प्रकार जिले के जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा पहले बाकायदा पात्र लोगो को दस्तावेज में मारा जाता हैं बाद उनसे उनके ज़िंदा होने की बाकायदे सबूत की मांग किया जाता हैं | यही नहीं धमकिया भी दिया जाता हैं कि उनकी शिकायत कहीं किया तो ठीक नहीं होगा |


पहला मामला नगरपालिका निगम सिंगरौली के वार्ड क्र0 25 नन्द गावँ निगाही के निवासी अशोक कुमार पटवा पिता लालचंद्र को वही के जिम्मेदार अधिकारियों वार्ड प्रभारी मुरलीधर वर्मा, समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारी अजय पटेल व कार्यालय कंप्यूटर ऑपरेटर संतोष शाह की मिलीभगत से दस्तावेज में छेड़ छाड़ कर अशोक कुमार पटवा पिता लालचंद्र पटवा को मृतु घोषित कर समस्त सरकारी योजनाओं से बंचित करने का सफल प्रयास किया गया | यही नहीं अशोक कुमार पटवा को सरकारी दस्तावेज में पुनः जीवित करने मोटी रकम की भी मांग किया जाता रहा हैं | परन्तु चित्रकला के नायक के तर्ज पर जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों को उनके मन मुताबिक मांग किये गए पैसों को न देने पर अशोक कुमार पटवा को खुद को जीवित साबित करने चित्रकला के आखरी दृश्य की घटना को अंजाम देने को मजबूर किया जाने की लगातार कोशिश किया जाने लगा हैं |


आश्चर्यचकित यही हैं कि उक्त जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा अशोक कुमार पटवा के समग्र आई0डी0 पर स्व0 अशोक यादव पिता राजवली यादव ग्राम भरूहां पो0 अमलोरी के पत्नी सुनीता यादव को म0प्र0 सरकार की सुरक्षा अनुदान राशि दो लाख पांच हजार रु0 फर्जी ढंग से दिलाये जाने का मामला प्रकाश में आया हैं | जबकि स्व0 अशोक यादव का न तो परिवार समग्र आई0डी0 में नाम है और न तो संबल मजदूर में पंजीयन बावजूद वहा के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा मात्र पैसों के लिए एक पात्र को मृतु घोषित कर उसके आई0डी0 पर किसी और का नाम डाल उसके पत्नी को लाभ दिलाये जाने का मामला सुर्ख़ियों में हैं | 


वही दूसरा मामला मेन मार्केट बरगवां निवासी मुन्नी लाल गुप्ता पिता राम प्रसाद गुप्ता का बताया जा रहा हैं | उनका आरोप हैं कि लंबे अर्से से ग्राम पंचायत के सरपंच खुद या खुद के लोगों को बनवाने वाले अग्रवाल परिवार द्वारा ग्राम सरपंच लीलावती नेताम, सैकेट्री ठाकुर प्रसाद बैश्य व कंप्यूटर ऑपरेटर की मिली भगत से पहले किसी भी योजना का लाभ नहीं दिया जाने सरकार के किसी भी योजना में नाम नहीं जोड़ा जा रहा था बाद मृतु घोषित कर दस्तावेज से हटा कर उनके परिवार के मुखिया किसी अन्य मुन्नी लाल गुप्ता की पत्नी जमुनी देवी को बना दिया गया | जबकि मुन्नी लाल गुप्ता की पत्नी का नाम वीणा देवी हैं | मुन्नी लाल गुप्ता द्वारा बताते हैं कि लिखित शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं किया गया |


वही उक्त मामले की जाँच के लिए पत्र लिख भगवान आश्रय उपाध्यक्ष उर्जान्चल विस्थापित कामगार यूनियन जिला सिंगरौली व अरुण कुमार सिंह जिलाध्यक्ष मानवाधिकार एसोसियेसन जिला सिंगरौली द्वारा कलेक्टर साबह से जाँच करा दोषियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही की माँग किया गया हैं |


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