निजीकरण की पहली ट्रैन "तेजस" लेट होगी तो यात्रियों को मुआवजा मिलेगा,पर इस प्राइवेट ट्रैन के संचालन के लिए पटरी,सिग्नल,खाली रूट,स्टेशन की सुविधाऐ,तो सब सरकार ही उपलब्ध कराऐगी, मतलब तेजस ट्रैन लेट न हो इसके लिए सरकारी ट्रैने रोककर खाली रूट तेजस को दिया जाऐगा। सरकारी ट्रेन लेट की जाएगी पर तेजस समय से चले इसके लिए सरकार सारी सुविधाऐ देगी।
सरकारी ट्रैन बदनाम होगी,डग्गामार कहलाऐगी और प्राइवेट ट्रेन समय से चलने वाली,और अच्छी सुविधाओं वाली कहलाऐगी।
मतलब सरकार खुद सरकारी संस्थानो को अपने हाथो से बदनाम करेगी।
निजीकारी सरकार शायद
कुछ इसी तरह बेसिक के स्कूलो को भी निशाना बनाना चाहती हो ।
निजीकरण की पहली ट्रैन "तेजस" लेट होगी तो यात्रियों को मुआवजा मिलेगा