आखिर कब रुकेगा जनपद मुजफ्फरनगर की शराब दुकानों से ओवर रेटिंग का खेल
जी हाँ ये एक कड़वा सच है की उत्तर प्रदेश के जनपद मुज़फ्फरनगर में देसी ठेको से लेकर अंग्रेजी शराब के ठेकों तक ओवर रेट का खेल खेला जा रहा है जिसकी जानकारी स्थानीय पुलिस के साथ ही आबकारी विभाग को भी है लेकिन कार्यवाही आखिर कौन करें अब तो लोगों को कहते भी सुना जा रहा है की आखिर ये ओवर रेट का पैसा कहाँ जा रहा है जबकि बीते वर्षों में यह कार्य बड़े शराब घराने के पोंटी चड्ढा ग्रुप में हुआ करता था जिससे आजिज होकर सरकार ने लॉटरी सिस्टम के चलते बड़े शराब कारोबारी तक से यह खेल बन्द करा नई शुरआत की थी लेकिन मामला तो ज्यों का त्यों ही चल रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यूपी के जनपद मुज़फ्फरनगर में इन दिनों शराब अच्छी खासी चर्चाओं में चल रही है ।
बता दें बीते कई वर्षों तक बड़े शराब घराने पोंटी चड्ढा ग्रुप में शराब ओवर टाईम ओवर रेट में बिकती थी जिससे एक तरह जहां शराब प्रेमियों में अच्छा खासा रोष बना रहता था वहीं जिले के साथ ही लखनऊ स्तर पर बैठे अधिकारीयों में भी इस मामले को लेकर काफी मन्थन चला करता था की इस घोर समस्या से निजात आखिर कैसे पाई जाये।
आखिर कार सरकार सख्त हुई और शराब के ठेके लॉटरी सिस्टम से छोड़े गए ताकि इस पर सख्ती से कार्यवाही की जाये लेकिन कुछ महीनो के बाद स्थिति बद से बतरर हो चली है।अब ताजी स्थिति यह है की जनपद में गांव हो या शहर हर जगह ओवर रेट शराब धड़ल्ले से बेचीं जा रही है अधिकतर दुकानों पर प्रिंट रेट से 5 रुपये से लेकर 10 रुपये तक ग्राहकों से वसूले जा रहे है।
बात अगर यहीं खत्म हो जाती तो ठीक था लेकिन जनपद मुजफ्फरनगर के पुरकाजी अंग्रेजी शराब ठेका अनुज्ञापी मनोज कुमार त्यागी की दुकान पर एक ग्राहक द्वारा पूछे जाने पर सेलमैन द्वारा बताया गया कि *इस ओवर रेटिंग के खेल में आबकारी विभाग के बड़े अधिकारी भी शामिल होते हैं* दीपावली व होली के मौके पर शराब की पेटियों के साथ साथ रुपया भी जाते हैं आबकारी विभाग की जेब में यह आरोप हम नहीं आबकारी विभाग द्वारा छोड़ी गई अंग्रेजी शराब पुरकाजी के सेलमैन द्वारा उस समय बताया गया जब एक ग्राहक ने ओवर रेटिंग का विरोध किया इतना ही नहीं पुरकाजी के देसी शराब के ठेके पर भी धड़ल्ले से ओवर रेटिंग की जा रही है जनपद मुजफ्फरनगर के फलौदा सरकारी देसी शराब के ठेके पर भी धड़ल्ले से ओवरईटिंग का खेल चल रहा है और आबकारी विभाग मुजफ्फरनगर अपनी खुद की पीठ को थपथपा रही है कि जनपद से ओवर रेटिंग का खेल खत्म कर दिया गया है जबकि ऐसा कहीं पर देखने को नहीं मिलता उल्टा पूछे जाने पर सरकारी ठेकों पर मौजूद सेलमैन ग्राहकों को रोब गालिब करते हुए कहते हैं कि लेना हो तो लो वरना मत लो मिलेगा ओवर रेट ही। अब मदिरा के शौकीन लोगों का कहना है कि मजबूरी के चलते हम लोगों को ओवर रेटिंग में शराब खरीदकर अपना शौक पूरा करना पड़ता है कुछ मदिरा शौकीन लोगों का तो यहां तक कहना है कि आबकारी विभाग की सांठगांठ के चलते यदि कोई शिकायत भी करना चाहे तो किस नंबर को सूचना दें । ठेकों पर आबकारी विभाग या ओवर रेटिंग से संबंधित शिकायत अधिकारी का कोई कांटेक्ट नंबर नहीं लिखा होता है। जिससे ग्राहकों की जेब पर सीधे-सीधे डाका डाला जा रहा है
अब देखना यह होगा कि आबकारी विभाग ऐसे सरकारी ठेकों पर क्या कार्रवाई करते हैं या फिर जनपद मुजफ्फरनगर में नहीं रुकेगा ओवर रेटिंग का यह बड़ा खेल