26 करोड़ डॉलर देकर मुकदमे से बची अमेरिकी दवा कंपनियां

26 करोड़ डॉलर देकर मुकदमे से बची अमेरिकी दवा कंपनियां


अमेरिका की तीन बड़ी दवा वितरण कंपनियां और एक प्रमुख दवा कंपनी 26 करोड़ डॉलर की रकम देकर समझौता करने के लिए राजी हुई हैं. ओहायो राज्य में हजारों लोगों की जान जाने के बाद इन कंपनियों पर मुकदमा चलाने की तैयारी थी.


अमेरिका में पिछले दो दशकों में ओपियोड की वजह से करीब 40 हजार लोगों की जान जाने का आरोप है. ओपियोड ऐसी दर्दनिवारक दवाएं हैं जिनमें हेरोईन जैसी नशीली चीजें होती हैं और इन्हें डॉक्टर के पर्चे पर बेचा जाता है. ओक्सिकोडोन, हाइड्रोकोडोन, कोडाइन, मॉर्फीन इसी तरह की दवाएं हैं. दवा कंपनियों ने इन दवाओं का खूब प्रचार किया और इसके नुकसानों के बारे में लोगों को जानकारी नहीं दी. इसका नतीजा हुआ कि बहुत से बच्चे और बड़े इन दवाओं के आदी हो गए और बाद में कभी ओवरडोज तो कभी दूसरी समस्याओं के कारण उनकी मौत हो गई. बाद में जब दवाओं के बारे में जानकारी बाहर आई तो लोगों ने एक एक कर मुकदमे दायर करने शुरु किए. ऐसे हजारों मुकदमे पूरे अमेरिका में दायर किए गए हैं. ओहायो की एक संघीय अदालत के जज चाहते थे कि मुकदमा शुरू होने से पहले ही दवा कंपनियां गलती मान कर जुर्माना भर दें.


क्लीवलैंड की कुयाहोगा काउंटी और एक्रोन की सम्मिट काउंटी वाले इस मुकदमे को एक कठिन परीक्षा माना जा रहा था. समझौता सोमवार आधी रात को हुआ. इसके कुछ ही घंटों बाद एक जूरी को क्लीवलैंड की संघीय अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू करनी थी. कुयाहोगा काउंटी के वकील हुंटर श्कोल्निक ने बताया कि दवा वितरण कंपनियां एमरिसोर्सबेर्गन, कार्डिनल हेल्थ और मैकेसॉन संयुक्त रुप से 21.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का भुगतान करेंगी. इसके अलावा इस्रायल की दवा बनाने वाली कंपनी टेवा 2 करोड़ डॉलर नगद देगी. इसके साथ ही 2.5 करोड़ डॉलर की जेनरिक दवा सुबोक्सोन मुहैया कराएगी. यह दवा ओपिओड के आदी लोगों के इलाज में इस्तेमाल होती है. समझौते के मुताबिक इसके बदले में आरोपियों को कोई गलती स्वीकार करने की बाध्यता नहीं होगी.